क्या है ‘India Needs UPSC 2.0’?
UPSC Civil Services Reforms पूर्व Reserve Bank of India (RBI) Governor Duvvuri Subbarao ने अपने opinion piece “India Needs UPSC 2.0” में UPSC सिविल सेवा परीक्षा के स्वरूप को आधुनिक ज़रूरतों के अनुसार बदलने की वकालत की है। उनका मानना है कि वर्तमान व्यवस्था से लाखों युवाओं के सालों की मेहनत और समय व्यर्थ जा रहे हैं।
Important Highlights:
- Upper Age Limit घटाकर 27 साल करने का सुझाव
- Attempts की संख्या अधिकतम 3 करने की सिफारिश (General Category के लिए)
- 40-42 वर्ष की उम्र के Professionals के लिए एक नया Recruitment Channel
- Exam के दौरान “Sunk Cost Fallacy” से बचाव पर ज़ोर
- Merit-based Selection को प्रमोट करने की आवश्यकता
सुझाव #1: Age Limit में कटौती
सुब्बाराव ने कहा कि वर्तमान प्रणाली 21 से 32 वर्ष की उम्र के बीच कई बार प्रयास करने की अनुमति देती है। इससे कई उम्मीदवार “Sunk Cost Fallacy” का शिकार होकर बार-बार प्रयास करते रहते हैं, भले ही उन्हें सफलता न मिले। उन्होंने अधिकतम उम्र सीमा 27 वर्ष निर्धारित करने का सुझाव दिया है।
सुझाव #2: Attempts की संख्या घटाना
उन्होंने यह भी कहा कि 6 attempts देने से उम्मीदवार exam technique में माहिर हो जाते हैं, जबकि असली merit छुप जाती है। उनके अनुसार, General Category के लिए maximum 3 attempts ही होने चाहिए, ताकि केवल योग्य उम्मीदवार ही चुने जाएं।
सुझाव #3: Experienced Professionals के लिए नया रास्ता
सबसे अहम सुझावों में से एक है – 40 से 42 वर्ष की उम्र के अनुभवी Professionals के लिए UPSC द्वारा एक अलग, structured और competitive recruitment चैनल बनाना। यह lateral entry नहीं होगी, बल्कि एक permanent tier of recruitment होगा, जिससे real-world अनुभव और विविधता प्रशासन में आएगी।
सुब्बाराव का तर्क
- Wasted Years से बचाव: सालों की तैयारी के बाद भी असफल छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने की आवश्यकता।
- Merit vs Technique: ज़्यादा Attempts से system technique पर निर्भर हो जाता है, ना कि प्रतिभा पर।
- Governance में अनुभव लाना: वरिष्ठ professionals नए विचार और अनुभव के साथ प्रशासन में नया दृष्टिकोण ला सकते हैं।
सुब्बाराव मानते हैं कि युवा उम्मीदवारों की ऊर्जा और जोश ज़रूरी है, लेकिन समय के साथ बदलाव करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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