राजस्थान के झुंझुनूं जिले ने एक बार फिर देश के लिए अपना वीर सपूत खो दिया। देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए इस जवान की पार्थिव देह जब गांव पहुंची तो माहौल बेहद भावुक और दर्दभरा हो गया। परिवार के लोग अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देखकर अपने आंसू रोक नहीं सके। गांव की गलियों से जब शहीद की अंतिम यात्रा निकली, तो हर कोई आंखों में आंसू लिए उस वीर को अंतिम सलामी देने पहुंचा।
शहीद के गांव पहुंचते ही छा गया मातम
शहीद जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा, हर तरफ सन्नाटा और ग़म का माहौल था। तिरंगे में लिपटी अर्थी को देखकर माँ की चीत्कार ने पूरे गांव को रुला दिया। पिता की आंखों में खामोशी और बहन-भाई की सिसकियों ने सभी का दिल तोड़ दिया। परिवार ही नहीं, गांव का हर शख्स अपने इस बेटे की शहादत पर गर्व के साथ-साथ गहरे दुख में डूबा नजर आया।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
जवान की अंतिम यात्रा में पूरा गांव उमड़ पड़ा। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई कंधा देने को तैयार था। गांव की गलियों से जब शहीद को अंतिम विदाई दी गई, तो हर गली “भारत माता की जय” और “शहीद अमर रहें” के नारों से गूंज उठी। युवाओं ने कंधों पर तिरंगे के साथ शहीद को सम्मानित किया। पूरा इलाका देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया।
सेना के अधिकारियों ने दी अंतिम सलामी
शहीद की अंतिम यात्रा में सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने पूरी सैन्य परंपरा के साथ अंतिम सलामी दी। तिरंगे को सम्मानपूर्वक परिजनों को सौंपा गया। जैसे ही बंदूकें चलीं और सलामी दी गई, गांव की हवाओं में एक वीरगाथा घुल गई।
गाँव को अपने बेटे पर गर्व
गांव वालों की आंखों में आंसू जरूर थे, लेकिन उनमें गर्व भी साफ झलक रहा था। लोग कह रहे थे कि भले ही हमने अपना बेटा खो दिया, लेकिन वह देश के लिए शहीद हुआ, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। स्कूल के बच्चों ने हाथों में तख्तियां लिए हुए अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया, जिन पर लिखा था – “तुम शहीद हुए हो, हम नहीं भूलेंगे।”
माँ बोली – “मेरा बेटा अमर है”
शहीद की माँ की बातों ने सबको भावुक कर दिया। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा आज अमर हो गया है। वो देश के लिए शहीद हुआ, इससे बड़ी बात माँ के लिए क्या हो सकती है।” उनकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे, लेकिन चेहरे पर गर्व की झलक भी थी।
शहीद की कहानी सुन हर आंख नम
गांव में लोगों ने शहीद की बचपन की बातें, पढ़ाई-लिखाई, और सेना में भर्ती होने का सपना साझा किया। बताया कि कैसे वो शुरू से ही देशभक्ति से भरा हुआ था और एक दिन वर्दी पहनकर देश की सेवा करना चाहता था। उसका सपना आज पूरा हुआ, लेकिन बहुत जल्दी वो हमसे विदा ले गया।