राजस्थान के झुंझुनू जिले से एक बेहद दर्दनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। नेवरी गांव के पास एक युवक पर रात के अंधेरे में कुछ लोगों ने ऐसा अमानवीय हमला किया, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में युवक को गंभीर शारीरिक और मानसिक चोटें आई हैं। हैरानी की बात ये है कि घायल युवक और उसके परिवार की शिकायत के बावजूद पुलिस अब तक FIR दर्ज करने से बच रही है।
आधी रात में टूटा कहर
यह खौफनाक वारदात रात करीब 2:15 बजे हुई, जब संजय कुमार नाम का युवक नेवरी गांव के पास मौजूद था। तभी एक कैंपर गाड़ी वहां पहुंची, जिसमें सवार कुछ लोग संजय पर टूट पड़े। उनके हाथों में लाठियां और सरिए थे। हमलावरों ने संजय को बेरहमी से पीटा और दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट में सरिया डाल दिया। यह हमला सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक रूप से भी बेहद पीड़ादायक और अमानवीय था।
हमले के पीछे की वजह
संजय कुमार एक डंपर चालक है और यही उसका आजीविका का मुख्य साधन है। उसका आरोप है कि हमलावरों ने पहले उससे हर महीने ‘हफ्ता’ मांगना शुरू किया था। वे चाहते थे कि संजय अपनी डंपर गाड़ी उनकी खान में चलाए और बदले में उन्हें पैसा दे। लेकिन जब संजय ने साफ मना कर दिया, तो वे नाराज़ हो गए और बदला लेने की नीयत से यह बर्बर हमला किया। संजय ने यह भी बताया कि एक महीने पहले इन्हीं लोगों ने उसके ड्राइवर को भी पीटा था।
जान बचाकर भागा पीड़ित
हमलावर संजय को जबरदस्ती कैंपर गाड़ी में डालकर ले गए और रास्ते में उसे लगातार पीटते रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने उसकी मोटरसाइकिल पर पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश भी की। संजय ने किसी तरह साहस जुटाया और मौका पाकर वहां से भाग निकला। वह जैसे-तैसे सड़क तक पहुंचा, जहां कुछ राहगीरों ने उसकी मदद की और सुबह करीब 5:00 बजे उसे अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताया।
पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतने गंभीर हमले के बावजूद जब संजय के परिजन सुबह से थाने पहुंचे, तो पुलिस ने FIR दर्ज करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। परिवार का आरोप है कि हमलावर इलाके के दबंग हैं और पुलिस उन पर कार्रवाई करने से डर रही है या दबाव में है। पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है लेकिन अब तक उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।
पीड़ित का दर्द
अस्पताल में भर्ती संजय कुमार का कहना है कि वह केवल डंपर चलाकर अपनी रोजी-रोटी कमाता है। उसने किसी का बुरा नहीं किया, फिर भी उसके साथ ऐसा जघन्य अपराध हुआ। संजय का कहना है कि वह चाहता है कि पुलिस हमलावरों पर सख्त कार्रवाई करे और उन्हें सजा दिलाए। उसने हमलावरों में से कुछ की पहचान भी कर ली है—पवन गोदारा, रमेश गोदारा और प्रवीण गिल के नाम उसने साफ तौर पर लिए हैं। बाकी हमलावरों को वह पहचान नहीं पाया।
प्रशासन से न्याय की अपील
संजय के परिवार ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की है कि इस मामले में जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि अगर ऐसे अपराधियों को समय पर सजा नहीं मिली, तो वे आगे और भी निर्दोष लोगों पर हमला कर सकते हैं। परिवार ने यह भी कहा है कि अगर न्याय नहीं मिला तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होंगे।
अब तक की घटनाओं की समयरेखा
- रात 2:15 बजे: नेवरी गांव के पास संजय पर हमला हुआ
- लाठी और सरियों से बेरहमी से पीटा गया
- प्राइवेट पार्ट में सरिया डालने की अमानवीय हरकत
- मोटरसाइकिल को जलाने की कोशिश
- सुबह 5:00 बजे: संजय को राहगीरों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया
- अब तक FIR नहीं दर्ज: परिवार लगातार पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा है
क्या मिल पाएगा इंसाफ?
यह पूरी घटना सिर्फ एक व्यक्ति पर हमले की नहीं है, बल्कि यह उस प्रशासनिक संवेदनहीनता की भी कहानी है जो अपराधियों के सामने घुटने टेक देती है। जब तक ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अपराधियों का मनोबल और बढ़ता रहेगा। इस केस में अगर दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी गई, तो समाज में गलत संदेश जाएगा।