Jhunjhunu mein saandon ki ladaai bani jaanleva झुंझुनू जिले के सुल्ताना कस्बे में शनिवार को उस वक्त कोहराम मच गया, जब नगर पालिका में कार्यरत एक युवक, कमल कांत, सांडों की लड़ाई के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। इस खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई।
हादसा कैसे हुआ?
यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा उस वक्त हुआ जब कमल कांत रोज़ की तरह अपने काम में व्यस्त थे। अचानक, दो सांड आपस में भिड़ गए और उनकी लड़ाई इतनी भयावह थी कि कमल कांत उनके बीच फंस गए। तेज टक्कर और चोटों की वजह से वह बुरी तरह घायल हो गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिवार की हालत बेहद नाजुक
कमल कांत अपने पूरे परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनके जाने से परिवार पूरी तरह टूट गया है। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा, एक बेटी, एक अविवाहित बहन और वृद्ध मां हैं। अब परिवार के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
- पत्नी और बच्चों का सहारा छिन गया
- बूढ़ी मां और अविवाहित बहन अब असहाय हैं
- कमल कांत की मौत ने पूरे परिवार की आर्थिक नींव हिला दी है
समाज और प्रशासन से मदद की गुहार
इस त्रासदी के बाद नगर पालिका चेयरमैन ईसाराम चावरिया ने परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका की अगली बोर्ड मीटिंग में एक प्रस्ताव लाकर परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, ठेकेदार ने भी यह भरोसा दिलाया है कि वह अपने ठेके की अवधि तक कमल कांत के परिवार को वेतन देते रहेंगे।
स्थानीय विधायक राजेंद्र भामू ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत और सरकारी स्तर पर हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाएंगे।
पत्नी को नौकरी देने की मांग
कमल कांत के परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि उनकी पत्नी को नगर पालिका में नौकरी दी जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई और घर की जरूरतों को पूरा किया जा सके। यह मांग न सिर्फ तार्किक है बल्कि मानवीय भी है, जिससे परिवार को भविष्य में आत्मनिर्भरता मिल सके।
जन सहयोग की भी आवश्यकता
यह समय सिर्फ प्रशासन का नहीं, पूरे समाज का भी है। हमें ऐसे परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए, जिन पर अचानक आपदा आ गिरती है। समाज के जागरूक नागरिकों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए और आर्थिक सहायता के लिए आगे आना चाहिए।
प्रमुख बिंदु (Highlights):
- कमल कांत की सांडों की लड़ाई में मौत, परिवार पूरी तरह टूट गया
- नगर पालिका और विधायक ने सहायता का दिया आश्वासन
- पत्नी को नौकरी और आर्थिक मदद की उठी मांग
- ठेकेदार सैलरी देने को तैयार, समाज से भी सहयोग की अपील
- स्थानीय व्यापारिक वर्ग का भी समर्थन मिलने की उम्मीद
स्थानीय व्यापारियों की सहानुभूति
जीएम ज्वेलर्स, जो क्षेत्र में अपनी विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं, ने भी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में परिवार के समर्थन के लिए कोई योजना बना सकते हैं। उनका मानना है कि जब दुख का समय आता है, तो समाज और व्यापारिक समुदाय को साथ मिलकर खड़ा होना चाहिए।
परिणाम
कमल कांत की आकस्मिक और दर्दनाक मौत ने न सिर्फ उनके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया, बल्कि पूरे समाज को भी यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हम ऐसे मामलों में अपने कर्तव्य को निभा रहे हैं? यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक परिवार की टूटी हुई उम्मीदों की दास्तान है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा परिवार अकेला महसूस न करे। सहायता, संवेदना और सहयोग—यही समय की मांग है।