राजस्थान के झुंझुनू जिले से आई यह खबर किसी भी संवेदनशील इंसान को अंदर तक झकझोर देने वाली है। एक चार साल की मासूम बच्ची के साथ हुई यौन दुर्व्यवहार की यह घटना न केवल इंसानियत को शर्मसार करती है, बल्कि यह भी बताती है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हम अभी कितने असंवेदनशील हैं।
बारिश के दिन की वो डरावनी दोपहर
घटना उस समय की है जब एक माँ अपनी चार साल की बेटी को पास की दुकान पर खड़ा कर दूध लेने गई थी। बारिश हो रही थी, इसलिए उसने सोचा बच्ची बाहर खड़ी रहे तो बेहतर है। जब वह कुछ ही देर बाद लौटी, तो बेटी की कही बात सुनकर उसके होश उड़ गए।
बच्ची ने मासूमियत से बताया कि वहां मौजूद एक बुजुर्ग, जिसे वह ‘दादाजी’ कह रही थी, ने उसके गाल पर चूमा और फिर उसके प्राइवेट पार्ट को छूने की कोशिश की। माँ ने बिना देरी किए बेटी को लेकर दोबारा उसी दुकान पर जाकर आरोपी से सवाल किया। लेकिन उसने पूरी घटना से साफ इनकार कर दिया।
मामला सुलझाने की कोशिश बनी और बड़ी परेशानी
बेटी की बात सुनकर पिता ने मामले को समझदारी से सुलझाने की कोशिश की और आरोपी के बेटे से बात की। उन्होंने सोचा कि शायद आपसी बातचीत से यह मसला हल हो जाए। लेकिन उल्टा उन्हें ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया। आरोपी के बेटे ने कहा कि बच्ची के पिता उनके परिवार को बदनाम करने की साज़िश कर रहे हैं।
पिता ने स्पष्ट किया कि उनकी आरोपी के परिवार से कोई पुरानी रंजिश नहीं है, बल्कि एक दिन पहले तक दोनों परिवारों के बीच सब कुछ सामान्य था। दोबारा पूछने पर बच्ची ने बताया कि आरोपी ने उसे गंदे वीडियो दिखाए और उससे बेहद अश्लील हरकतें करने को कहा।
थाने तक पहुंचा मामला, समाज की प्रतिक्रिया ने और बढ़ाया दर्द
इन गंभीर आरोपों के बाद बच्ची के पिता बेटी को लेकर थाने पहुंचे और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन इसके बाद एक और घिनौनी तस्वीर सामने आई।
गिरफ्तारी की खबर सुनकर आरोपी के रिश्तेदार थाने में जमा हो गए और उल्टा बच्ची के पिता को धमकाने लगे। यही नहीं, आसपास के कुछ लोग भी पीड़ित परिवार पर शक करने लगे। कई लोगों ने तो यह तक कह दिया कि बच्ची को सिखाकर भेजा गया है। यह सामाजिक व्यवहार खुद एक गहरी समस्या की ओर इशारा करता है।
इंसाफ की उम्मीद लिए खड़ा है परिवार
पीड़ित परिवार अब प्रशासन से न्याय की गुहार कर रहा है। उनका साफ कहना है कि आरोपी को ऐसी सख्त सज़ा मिले कि वह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी बने। परिवार चाहता है कि यह मामला एक उदाहरण बने, जिससे भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे।
प्रशासन से अपील: निष्पक्ष और तेज़ जांच हो
परिवार की मांग है कि पुलिस निष्पक्ष और प्रभावी जांच करे, ताकि आरोपी को जल्दी सज़ा मिल सके। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे संवेदनशील मामलों में देरी न करे। यदि दोषी को समय रहते सज़ा नहीं मिली, तो इससे अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे।
हमें क्या करना चाहिए?
यह घटना हर माता-पिता के लिए एक चेतावनी है। हमें अपने बच्चों को ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ की जानकारी देनी चाहिए। बच्चों को यह समझाना ज़रूरी है कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें असहज महसूस कराए या गलत तरीके से छुए, तो वे बिना डरे अपने माँ-बाप या किसी भरोसेमंद बड़े को बताएं।
हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि यदि हमारे आसपास किसी बच्चे के साथ ऐसा कुछ होता है, तो चुप न रहें। तुरंत पुलिस से संपर्क करें या चाइल्डलाइन इंडिया के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर कॉल करें। चुप्पी किसी और मासूम के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
एकजुट होकर ही रुकेगा यह अपराध
बच्चों की सुरक्षा सिर्फ परिवार की जिम्मेदारी नहीं है, यह पूरे समाज की जवाबदेही है। जब तक हम इन घटनाओं के खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक बदलाव की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। ज़रूरी है कि हम चुप्पी तोड़ें, आवाज़ उठाएं और ऐसी घटनाओं को जड़ से मिटाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।