झुंझुनूं (राजस्थान): सोशल मीडिया पर दोस्ती अब कब दुश्मनी में बदल जाए, कहना मुश्किल हो गया है। राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक को सिर्फ इसलिए अगवा कर लिया गया क्योंकि उसने एक महिला को इंस्टाग्राम पर फॉलो किया था। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस महिला के पति ने अपने साथियों के साथ मिलकर न केवल युवक का अपहरण किया, बल्कि उसके साथ बेरहमी से मारपीट भी की और फिर बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गया।
क्या हुआ था उस दिन?
पीड़ित युवक देव यादव, नारनौल जिले के मेई गांव का रहने वाला है और चिड़ावा के सूरजगढ़ रोड पर अपनी दुकान चलाता है। रोज़ की तरह वह अपनी दुकान खोलने गया था कि तभी कुछ लोग अचानक वहां पहुंचे और उसे जबरन गाड़ी में डालकर सिंघाना की ओर ले गए। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि आसपास के लोग कुछ समझ ही नहीं पाए।
पुलिस को जब अपहरण की सूचना मिली तो इलाके में तुरंत नाकाबंदी कर दी गई। कुछ ही समय बाद पुलिस को खबर मिली कि एक घायल युवक चितौसा गांव में पड़ा हुआ है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने देव को इलाज के लिए चिड़ावा अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे झुंझुनूं के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
देव यादव का बयान
देव ने पुलिस को बताया कि उसका अपहरण अनिल उर्फ शेट्टी, उसके चाचा और तीन अन्य लोगों ने मिलकर किया। अनिल, चीमा का बास गांव का निवासी है। देव का आरोप है कि उसे पहले गोटं गांव ले जाया गया, जहां अनिल ने उस पर दबाव डाला कि वह स्वीकार करे कि उसका अनिल की पत्नी से अफेयर चल रहा है। जब देव ने इससे इंकार किया तो उसकी पिटाई शुरू कर दी गई।
इसके बाद उसे चितौसा गांव ले जाया गया, जहां उसके हाथ बांध दिए गए और उसे उल्टा लेटाकर पाइप से बेरहमी से पीटा गया। मारपीट इतनी गंभीर थी कि देव बेहोश हो गया और आरोपी उसे उसी हालत में छोड़कर भाग गए।
आरोपी अभी फरार, पुलिस जांच में जुटी
देव की मां, निर्मला यादव ने झुंझुनूं पुलिस थाने में अनिल और उसके साथियों के खिलाफ अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। मामले की जांच कर रहे एएसआई ताराचंद के अनुसार, पूछताछ में यह सामने आया है कि देव और अनिल की पत्नी के बीच एक साल पहले इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी। वे केवल सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को फॉलो करते थे, लेकिन अनिल को शक था कि उनके बीच कुछ चल रहा है।
देव ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने कभी अनिल की पत्नी से निजी बातचीत नहीं की। लेकिन अनिल को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि अनिल खुद एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुका है और चलने-फिरने में असमर्थ है। घटना के वक्त वह गाड़ी में ही बैठा था, जबकि बाकी लोगों ने अपहरण और पिटाई को अंजाम दिया।
हथियार होने की आशंका, पुलिस की पुष्टि बाकी
देव ने यह भी बताया कि अपहरण के समय आरोपियों के पास एक पिस्तौल भी थी, हालांकि पुलिस ने इस बात की अभी पुष्टि नहीं की है। अधिकारी कह रहे हैं कि जब तक सभी आरोपी पकड़े नहीं जाते, तब तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकती।
दुकान पर होते वक्त हुआ था अपहरण
देव की दुकान को सुबह सतवीर नामक व्यक्ति खोलता है। जब वह दुकान का शटर उठा रहा था, तभी अनिल अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और देव को जबरन उठाकर गाड़ी में डाल लिया। देव ने यह भी बताया कि उसे गोठ की जोड़ी गांव में भी ले जाया गया, जहां उसे धमकाया गया कि वह अनिल की पत्नी के खिलाफ गवाही दे। इंकार करने पर दोबारा मारपीट की गई। उसकी जेब से 4900 रुपये भी निकाल लिए गए।
सोशल मीडिया की दोस्ती बनी दुश्मनी की वजह
इस पूरी घटना की जड़ एक साधारण-सी इंस्टाग्राम फॉलो रिक्वेस्ट थी। अनिल को अपनी पत्नी और देव के बीच अवैध संबंध होने का शक था, जबकि देव का कहना है कि वे केवल सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। शक और गुस्से की इसी आग ने इस घटना को जन्म दिया।
परिणाम
झुंझुनूं की यह घटना सोशल मीडिया और रिश्तों के बदलते स्वरूप पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या सिर्फ ऑनलाइन किसी को फॉलो करना अपराध है? या फिर समाज में बढ़ती असहिष्णुता और शक की भावना इस तरह की घटनाओं को जन्म दे रही है? पुलिस जांच में जुटी है और उम्मीद की जा रही है कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।