राजस्थान के सूरतगढ़ स्थित उदयपुर गोदरान गांव में एक गाय की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। 19 मई 2025 को हुई इस घटना ने देखते ही देखते दो समुदायों को आमने-सामने ला खड़ा किया। एक समुदाय के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने एक गाय को खेत में घुसने पर बुरी तरह पीट दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से दूसरे समुदाय में आक्रोश फैल गया और देखते ही देखते इलाके में भारी तनाव पसर गया।
कैसे भड़का विवाद?
घटना राजियासर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आती है। बताया जा रहा है कि जिस खेत में गाय घुसी थी, वह एक समुदाय विशेष का था। गाय को खेत में चरते देख कुछ लोगों ने उसे बेरहमी से पीट दिया। पीट-पीट कर की गई इस हत्या की खबर फैलते ही दूसरा समुदाय गुस्से से उबल पड़ा।
पत्थरबाजी और पुलिसकर्मी घायल
इस तनाव ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने मौके पर भारी संख्या में जवानों की तैनाती की। फिलहाल इलाके में पुलिस की सतर्क निगरानी बनी हुई है।
एम्बुलेंस पर हमला
गाय का पोस्टमार्टम करवाने के बाद जब शव को एम्बुलेंस में रखकर ले जाया जा रहा था, तभी एक समुदाय ने एम्बुलेंस पर हमला कर दिया। इससे हालात और अधिक बिगड़ गए। यह हमला इतनी तेजी से हुआ कि पुलिस को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है। सूरतगढ़ के तहसीलदार मौके पर पहुंचे और उस खेत को खाली करवाया जहां एक समुदाय विशेष द्वारा अवैध कब्जा कर खेती की जा रही थी। हालांकि, यह कदम उठाए जाने के बावजूद गुस्से में उबाल थमता नजर नहीं आ रहा है।
हिंदूवादी संगठनों की एंट्री
इस मामले में अब हिंदूवादी संगठनों की भी एंट्री हो गई है। गाय की मौत से जुड़े संगठनों के लोग उदयपुर गोदरान पहुंचने लगे हैं। इससे स्थिति और अधिक संवेदनशील होती जा रही है। पुलिस ऐसे सभी संगठनों पर नजर रख रही है और स्थिति को नियंत्रण में लाने की पूरी कोशिश कर रही है।
पत्रकार ने बताई पूरी तस्वीर
स्थानीय पत्रकार राजेंद्र के अनुसार, घटना के बाद से ही पूरे गांव में तनाव बना हुआ है। उन्होंने बताया कि गाय को बेरहमी से मारने की घटना के बाद पूरे दिन माहौल तनावपूर्ण रहा। पोस्टमार्टम के बाद जब गाय का शव एम्बुलेंस में रखा गया, तभी उस पर हमला हुआ। राजेंद्र ने यह भी जानकारी दी कि प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई जरूर की, लेकिन इससे स्थिति में खास सुधार नहीं आया।
मुख्य बिंदु:
- गाय की पीट-पीटकर हत्या के बाद दो समुदायों में तनाव फैल गया।
- 19 मई 2025 को हुई घटना के बाद पत्थरबाजी, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हुआ।
- एम्बुलेंस पर हमला, जब पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाया जा रहा था।
- प्रशासन की कार्रवाई के तहत अवैध कब्जा हटवाया गया।
- हिंदूवादी संगठन घटनास्थल पर जुटने लगे, जिससे तनाव और बढ़ा।
आगे की स्थिति क्या होगी?
फिलहाल उदयपुर गोदरान गांव में हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। पुलिस और प्रशासन पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद हैं। दोनों समुदायों के बीच शांति स्थापित करना अब प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
सरकार और प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या इस तरह के मामलों में सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई से ही शांति लौट सकती है? क्या धार्मिक और सामाजिक तनाव को कानून व्यवस्था से काबू में लाया जा सकता है?