“जमीन बाप की है के” परमिशन को लेकर गुढ़ा का बयान, फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप, प्रशासन और गुढ़ा आमने-सामने, किसान संगठित की घोषणा
जो कॉकरोच से डरते हैं, वही बनते हैं कलेक्टर or SP, पूर्व मंत्री गुढ़ा का विवादित बयान, सीमेंट फैक्ट्री के विरोध में फूटा आक्रोश।
नवलगढ़ (झुंझुनूं) : हमेशा अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एक बार फिर विवादित टिप्पणी कर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। रविवार को नवलगढ़ के गोठड़ा गांव में सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ आयोजित किसानों की सभा में गुढ़ा ने प्रशासनिक अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग बाथरूम में कॉकरोच से डरते हैं, वही थानेदार, एसडीएम, डिप्टी, कलेक्टर और एसपी बनते हैं। लेकिन जो लोग सांप के बिल में हाथ डालते हैं, वे दसवीं में ही फेल हो जाते हैं।“
सभा में जुटी किसानों की भीड़
सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 23 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी है। इन मांगों में मुआवजा, स्थानीय रोजगार, और पर्यावरण संरक्षण प्रमुख हैं। सभा के लिए एसडीएम जय सिंह ने अनुमति नहीं दी थी, साथ ही फैक्ट्री के 300 मीटर के दायरे में धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान जुटे और गुढ़ा ने सभा को संबोधित किया।
फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप
गुढ़ा ने सभा में फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “सीमेंट कंपनी ने जिंदा गायों को मिट्टी में दफनाया है। उनकी आह खून मांग रही है। यह धरती तब तक न्याय नहीं देगी जब तक खून नहीं बहेगा।“ किसानों का आरोप है कि फैक्ट्री ने रोजगार के वादे पूरे नहीं किए, जिससे स्थानीय लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। गुढ़ा ने कहा, “फैक्ट्री ने किसानों से उनका हक छीनकर उन्हें भिखारी बना दिया। अब यह लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।“
प्रशासन और गुढ़ा आमने-सामने
सभा के दौरान गुढ़ा और पुलिस प्रशासन के बीच तनातनी की स्थिति बन गई। हालांकि, प्रशासन ने सूझबूझ से माहौल को नियंत्रण में रखा। गुढ़ा ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह जनता की आवाज दबाने में लगा हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 26 जनवरी तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र होगा।
किसानों को संगठित करने की घोषणा
गुढ़ा ने सभा में कहा कि अब समय आ गया है कि किसान संगठित होकर अपनी लड़ाई लड़ें। उन्होंने कहा, “हम जन जागरण अभियान चलाएंगे और किसानों को एकजुट करेंगे। इसके बाद सीमेंट फैक्ट्री का ऐसा स्वागत करेंगे, जिसे वे हमेशा याद रखेंगे।“
गुढ़ा के इस बयान और सभा में प्रशासन की भूमिका पर अब राजनीतिक बहस छिड़ गई है। किसान आंदोलन ने झुंझुनूं में माहौल गरमा दिया है, और इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।