झुंझुनूं में प्रशासन का सख्त एक्शन: 20 साल पुराने अवैध कब्जे हटाए, अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी
झुंझुनूं में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कई अवैध मकानों को गिरा दिया। यह कार्रवाई नगर परिषद द्वारा की गई, जो पिछले कई दिनों से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में जुटी थी। प्रशासन के अनुसार, कुछ मकान करीब 20 साल से अवैध रूप से कब्जे में थे, जिन्हें अब तोड़ दिया गया है।
प्रशासन की कार्रवाई: सुरक्षा के बीच अतिक्रमण ध्वस्त
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के दौरान नगर परिषद की टीम के साथ पुलिस बल भी मौजूद रहा। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। प्रशासन ने जेसीबी मशीनों की मदद से मकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
अधिकारियों ने पहले भी दी थी चेतावनी
प्रशासन का कहना है कि जिन मकान मालिकों के घरों को गिराया गया, उन्हें पहले ही अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था। उन्हें कई बार नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन उन्होंने कार्रवाई को नजरअंदाज कर दिया। मजबूरन प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ा।
प्रशासन का बयान
नगर परिषद के अनुसार, 7 मार्च 2025 को प्रतापनगर स्थित भूखंड संख्या 12 की नीलामी की गई थी, जिसे संतोष ढाका ने खरीदा था। इस भूखंड पर दिलीप जी कृष्णिया द्वारा अवैध निर्माण किया गया था। प्रशासन ने उन्हें नोटिस जारी किया था, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण कार्रवाई करनी पड़ी।
अतिक्रमण विरोधी अभियान रहेगा जारी
शहर में अभी भी कई जगहों पर अतिक्रमण फैला हुआ है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा और सड़क किनारे किए गए अवैध कब्जों को जल्द हटाया जाएगा।
अतिक्रमण हटाने से क्या होगा फायदा?
- यातायात में सुधार – सड़कों पर जगह बढ़ेगी और लोगों को आवागमन में आसानी होगी।
- शहर की सुंदरता बढ़ेगी – अवैध निर्माण हटने से शहर का माहौल साफ-सुथरा दिखेगा।
- कानूनी व्यवस्था मजबूत होगी – लोगों में नियमों का पालन करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
अतिक्रमण एक गंभीर समस्या है, जो शहर के विकास में बाधा बनती है। प्रशासन का यह सख्त कदम झुंझुनूं को व्यवस्थित और सुचारू बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।