झुंझुनूं के इंडाली गांव में अधूरी सड़क ने बढ़ाई लोगों की परेशानी, गुस्साए ग्रामीणों ने किया जाम
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के इंडाली गांव में सोमवार को एक बड़ी घटना सामने आई जब ग्रामीणों ने मुख्य सड़क को जाम कर दिया। इसकी वजह थी – अधूरी पड़ी सड़क, जिसे महीनों पहले बनाना शुरू किया गया था लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ। गुस्साए लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
क्यों फूटा ग्रामीणों का गुस्सा?
गांववालों का कहना है कि सड़क का निर्माण कार्य दिसंबर 2024 में शुरू हुआ था। लेकिन कुछ ही हफ्तों बाद काम रोक दिया गया। ठेकेदार ने यह कहकर हाथ खींच लिए कि आगे काम जारी रखने के लिए उसे कोई निर्देश (ऑर्डर) नहीं मिल रहे हैं। तब से लेकर अब तक यह काम अधूरा पड़ा है।
इस अधूरी सड़क ने ग्रामीणों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। बच्चों को स्कूल जाने में मुश्किल हो रही है, बुज़ुर्गों को चलने में दिक्कत है और बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना एक चुनौती बन गया है।
सड़क जाम और प्रशासन की हलचल
ग्रामीणों ने प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं, आवेदन दे चुके हैं, लेकिन अब तक नतीजा शून्य रहा है। ऐसे में उन्हें मजबूरी में सड़क जाम का रास्ता अपनाना पड़ा।
घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि उनकी समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया कि वे मंगलवार सुबह 10 बजे तक इंतजार करें। यदि तब तक कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो ग्रामीणों ने फिर से प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों की मांगे क्या हैं?
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- अधूरी सड़क का निर्माण कार्य तुरंत शुरू किया जाए।
- ठेकेदार को कार्य के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाएं।
- प्रशासन स्थानीय लोगों की शिकायतों को गंभीरता से ले।
- सड़क की स्थिति को लेकर पारदर्शिता बरती जाए।
- सड़क पूरी होने की निश्चित समयसीमा बताई जाए।
परेशानी सिर्फ ग्रामीणों की नहीं
यह समस्या सिर्फ ग्रामीणों तक सीमित नहीं है। सड़क के दोनों ओर जाम लगने से राहगीरों, स्कूली बच्चों, मरीजों और व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीजों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया और बच्चों की परीक्षा में देरी हो गई।
क्या निकलेगा कोई हल?
हालांकि अधिकारियों ने आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीणों में अब भी विश्वास की कमी है। वे कहते हैं कि पहले भी ऐसे आश्वासन मिल चुके हैं लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। इस बार वे शांतिपूर्ण धरने की योजना बना रहे हैं और चेतावनी दी है कि यदि काम समय पर नहीं शुरू हुआ तो आंदोलन तेज होगा।
प्रशासन के लिए चेतावनी
इंडाली गांव की यह घटना प्रशासन के लिए एक सबक होनी चाहिए। अगर लोगों की शिकायतों को समय रहते नहीं सुना गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। यह ज़रूरी है कि ज़मीनी स्तर की समस्याओं पर त्वरित और ठोस कार्रवाई की जाए ताकि नागरिकों को ऐसे कदम उठाने के लिए मजबूर न होना पड़े।