पूरा घटनाक्रम:
राजस्थान के शांत माने जाने वाले चिड़ावा कस्बे में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक स्थानीय व्यापारी को पाकिस्तान से व्हाट्सएप कॉल आया और कॉलर ने खुद को ISI से जुड़ा बताते हुए 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी। यह मामला अब न सिर्फ साइबर अपराध बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ता नजर आ रहा है।
पीड़ित कुलदीप रावणा ने बताया कि रविवार शाम करीब 5:30 बजे उसके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाला विदेशी नंबर से बात कर रहा था और उसकी भाषा उर्दू थी। शुरुआत में कुलदीप को यह किसी शरारती तत्व की हरकत लगी, लेकिन बात जैसे-जैसे आगे बढ़ी, हालात गंभीर होते गए।
धमकियों की झड़ी और अजीब भाषा मिश्रण
कॉल करने वाले ने कुलदीप से सीधे-सीधे 50 लाख रुपये की डिमांड रखी। उसका कहना था कि यह रकम पाकिस्तान भेजी जानी है, जहां लोग भूख से मर रहे हैं। कुलदीप द्वारा मना करने पर उसे सीधे दुकान पर आकर गोली मारने और जान से मारने की धमकी दी गई।
इस कॉल की खास बात यह रही कि इसमें करीब 30 लोग जुड़े हुए थे, और हर कोई अलग भाषा में बात कर रहा था — कोई उर्दू में, कोई अरबी में, कुछ पंजाबी, अंग्रेज़ी और हिंदी में भी। यह एक सोची-समझी रणनीति जैसी प्रतीत हो रही थी, जिससे दहशत फैल सके।
गोल्डी बराड़ का ज़िक्र और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन
कॉलर ने बातचीत के दौरान नाम लिया कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का। उन्होंने कहा कि वे उसी के आदमी हैं और उसकी ओर से कॉल कर रहे हैं। उन्होंने कुलदीप को चेताया कि यदि वह पैसे नहीं देगा तो उसकी हत्या कर दी जाएगी।
यह जानना ज़रूरी है कि गोल्डी बराड़ का नाम कई संगीन मामलों में सामने आ चुका है और वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है, जो कि पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर है।
पुलिस में शिकायत और जांच की शुरुआत
कुलदीप ने इस धमकी की शिकायत तुरंत चिड़ावा थाने में दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि अब तक उसे 30 से 40 बार कॉल आ चुके हैं। उसने सभी संदिग्ध नंबरों की डिटेल्स और स्क्रीनशॉट भी पुलिस को सौंपे हैं।
पुलिस ने मामले की गम्भीरता को समझते हुए साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ली है और कॉल की लोकेशन और स्त्रोत की जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन का भरोसा और सुरक्षा व्यवस्था
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कुलदीप को आश्वस्त किया है कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि वे मामले को पूरी गम्भीरता से देख रहे हैं और जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है ताकि लोगों का भरोसा बना रहे।
दहशत में व्यापारी और आमजन
इस घटना के बाद चिड़ावा के व्यापारियों में खासा डर देखा जा रहा है। लोग दुकान खोलने से भी घबरा रहे हैं और फोन कॉल्स को लेकर मानसिक तनाव में हैं। सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब व्यापारियों को इस तरह खुलेआम धमकियां मिलती रहेंगी?
कुलदीप की अपील: अपराधियों को जल्द पकड़ा जाए
कुलदीप ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उसका कहना है कि यदि समय रहते इन अपराधियों पर नकेल नहीं कसी गई, तो भविष्य में यह नेटवर्क और भी व्यापारियों को शिकार बना सकता है।
क्या पुलिस अपराधियों तक पहुंच पाएगी?
अब सबकी निगाहें पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स की कार्यवाही पर टिकी हैं। क्या वे पाकिस्तान से आए इस कॉल की तह तक पहुंच सकेंगे? क्या गोल्डी बराड़ गैंग के नाम का इस्तेमाल सिर्फ डराने के लिए किया गया, या मामला वाकई गंभीर है?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे। लेकिन एक बात साफ है कि इस घटना ने ना सिर्फ चिड़ावा बल्कि आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
परिणाम
चिड़ावा में सामने आई ISI के नाम पर फिरौती की मांग की घटना ने साइबर अपराध की भयावहता को उजागर किया है। पुलिस जांच में जुटी है और उम्मीद की जा रही है कि दोषी जल्द गिरफ्त में होंगे। लेकिन यह घटना बताती है कि अब सुरक्षा सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं, मोबाइल फोन के ज़रिये भी खतरे दस्तक दे रहे हैं।